GUDDU MUNERI

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जादुई कंचे

गुड्डू : द सुपर हीरो की कहानी 

[ जादूई कंचे ] 

पार्ट (9)


Recap.........


" मैं जा रहा हूं और कभी मेरी जरूरत महसूस हो तो किसी भी एक कंचे को आंखों से छूकर रख लेना " 

" मैं आ जाऊंगा " बूढ़े आदमी की रूह ने कहा .........


अब आगे...... ✍️


इतना कहते ही वह बूढ़े आदमी की रूह (मोनू के दादा) 

जी अदृश्य (गायब ) हो गए थे ।


  " चलो मेरी सुपर पावर टीम,  घर चलते है सुबह उठकर 

इन जादूई कंचो की शक्तियों के बारे में सोचेंगे किस तरह से हम इन शक्तियों (पावर ) का इस्तेमाल करके अपने मूंगा नगर वासियों की हिफाजत और देखभाल कर सकते है पिंटू ने  जवाब में " ठीक है " कहा और फिर सब अपने अपने घर को चल दिए । 

     सुबह हुई और एक नया सवेरा निकल आया । लोग अपने अपने काम से ड्यूटी पर जा रहे थे, कोई दुकान खोल रहा था, कोई सब्जी वाला ठेला लिए घूम रहा था, अभी तक सब ठीक चल रहा था । 

सुबह हुई गुड्डू अपने बिस्तर से निकला और देखा कि

उसके वह साधारण कपड़े जो उसने रात के समय पहने हुए थे वह उसके बदन पर नहीं थे बल्कि कोई नए डिजाइन के कपड़े पहने उसने हुए थे जैसे कोई रोबोट पहने हुए होता था ।

    गुड्डू के चेहरे पर एक आधा चेहरा ढके हुए एक मास्क लगा हुआ था जिससे कि उसे कोई पहचान नही सकता था, पीछे कमर पर एक परदेनुमा शाल लटक रही थी मानो जैसे कोई क्रिश या सुपर मैन आ गया था इस शाल के नीचे कमर पर एक छोटी सी शीशी के पानी में डूबे चार कंचे और उसका फ्रेम जो आसानी से शाल हटाकर दिखाई दे जाती थी लगा हुआ था , टांग और सीने पर पॉकेट जैसे डिजाइन, मजबूत एंटीक जूते, हाथो में ग्लव्स आदि सब कुछ बदल गया था । 

    कुछ देर में गुड़िया भी बिस्तर से उठ गई थी उसने अचानक अपने आप को देखा तो वह भी चौंक गई उसका भी आज रंग रूप बदला हुआ था जैसे लेडीज रोबोटिक वाली कलाकारी के साथ गुड़िया को बनाया गया हो सेम गुड्डू की तरह पर गुड़िया के पास परदेनुमा शाल नही थी और न ही पीछे कमर पर बोतल का फ्रेम जिसमे जादूई कंचे को रखा जा सकता था 

गुड़िया अपने भाई गुड्डू के रूम में अपनी नए लुक के बारे में 

जानने के लिए जा रही थी उधर गुड्डू भी अपने रूम से यही जानने के लिए बाहर आ रहा था कि यह नया रूप हमे किसने दिया । 

  और दोनो ही बरामदे में चले आए इससे पहले गुड्डू अपने इस नए ड्रेस लुक के बारे में गुड़िया से जानता वह उसको देखकर चौंक गया ।


" गुड़िया ये क्या तुम्हारा तो रंग रूप ही बदल गया " 

गुड्डू ने गुड़िया से कहा ।


" और तुम्हारा भी बदल गया गुड्डू " गुड़िया ने गुड्डू को कहा 

"  लेकिन यह हुआ कैसे " गुड्डू ने गुड़िया से पूछा ।


" कहीं ये मोनू के दादा की रूह का कमाल तो नही " गुड्डू ने अंदाजा लगाकर गुड़िया से कहा ।

" लेकिन गुड्डू दादा जी ने ऐसी बात तो हमसे नही कही थी " 

गुड़िया ने गुड्डू से कहा । 


" चलो फिर पिंटू और अलबेला के पास चलते है शायद उन्हें कुछ मालूम हो " गुड्डू ने गुड़िया से कहा ।


गुड्डू और गुड़िया बाहर जाने ही वाले थे कि 

किचन से गुड्डू की अम्मी बाहर आई और गुड्डू- गुड़िया को देखा तो वह भी चौंक गई और कहा कि क्या बात आज कोई कंपटीशन है क्या?,  कहां जा रहे हो ? "नाश्ता तो करते जाओ " 

" नाश्ता हम आकर करेंगे । अम्मी ! " गुड्डू ने गुड़िया के साथ बाहर पिंटू और अलबेला के घर जाते हुए कहा ।


पीछे से तोता मिठ्ठू भी उड़ता हुआ उनके पीछे पीछे चल दिया 

लेकिन तोता मिठ्ठू का लुक वही था उसमे कोई तब्दीली नहीं आई थी 


" मिठ्ठू तुम तो रुको " अम्मी ने मिठ्ठू से कहा ।

लेकिन मिठ्ठू नही रुकता । 


" सबके सब मन मर्जी। है मेरी तो कोई इस घर में कोई सुनता  नही है  " कहकर वापस रसोई की ओर चली गई । 


हर रोज की तरह अलबेला बाई ओर से और पिंटू दाई ओर से

चले आ रहे थे लेकिन उन दोनो का भी लुक आज बदला हुआ था वह भी रोबोटिक ड्रेस में और दोनो की कमर पर  एक छोटी शीशी का फ्रेम भी था जिसमे एक छोटी शीशी लगी हुई थी और चंद घूंट का पानी जिसमे जादूई कंचे को आसानी से रखा जा सकता था लेकिन परदेनुमा शाल इन दोनो के पास भी नहीं थी ।

दोनो ही देखने में आकर्षक पावर मैन की तरह लग रहे थे 

और कुछ सेकंड में गुड्डू और गुड़िया के पास आ गए वह भी उन दोनो को देखकर कुछ नही कह पाए ।

तोता मिठ्ठू वही साइड में आकर एक घर के आगे रखे बड़े से पौधे की टहनियों पर बैठ गया ।

  अलबेला और पिंटू को देखकर गुड्डू ने पूछा - " क्या आज सुबह जागने पर तुम्हे भी रोबोटिक ड्रेस मिली " 

" हां मिली, 

" पर ये लाया कौन , 

" और किसने ? पहनाई हमे " पिंटू ने गुड्डू से पूछा ।

" और मुझे भी  " (अलबेला बोला ) 


" ये तो पिंटू- अलबेला मुझे नही पता लेकिन मुझे ऐसा लगता है ये जरूर मोनू के दादा की रूह ने किया होगा और ये देखो मेरे पीछे वो जादूई कंचे एक शीशी में है और उसमे पानी भी है " 

इसका मतलब दादा जी ने मुझे शक्ति (पावर) मुझे दे दी है लेकिन मैं उड़ क्यों नही रहा हूं और न ही कुछ जान पा रहा हूं 

तभी पिंटू भी बताता है कि यह शीशी तो अलबेला और मेरे पास भी पीछे इन कपड़ो के डिजाइन में शिफ्ट है लेकिन उसमे जादूई कंचे नही है 

तब गुड़िया उनको याद दिलाती है कि दाद जी ने कहा था कि तुम किसी भी कंचे को आंखों से छूकर रख लेना मैं चला आऊंगा । 

" सही कहा गुड़िया " गुड्डू ने कहा ।

गुड्डू ने पीछे जैसे ही शीशी को हाथ लगाया एक जादूई कंचा गुड्डू के हाथ मैं आ गया और गुड्डू ने उस कंचे को शिद्दत से आंखों से छुआ और रख लिया । 

कुछ सेकंड में ही आसमान से दादा जी की रूह चली आई 

बहुत ही खामोशी के साथ मोनू के दादा जी की रूह गुड्डू के सामने आ खड़ी हुई 

" कैसे हो बेटे " सब ठीक तो है ( दादा जी की रूह ने कहा ) 

गुड्डू ने पूछा - दादा जी क्या? आपने ही हम सबकी ड्रेस को नया रोबोटिक जीवन दिया है और क्या? जादूई कंचो की जादूई शक्तियां मुझ में आ गई है ।

" हा बिलकुल यह सच है अब तुम दुश्मन से मुकाबला करने में सक्षम हो " 

" ठीक है मोनू के दादा जी " गुड्डू ने कहा ।


" बेटे तुम मुझे मोनू के दादा जी न कहा करो " 

तुम मुझे केवल दादा जी कह सकते हो , आज से तुम सब मुझे दादा जी बुलाना " गुड़िया की ओर। देखते हुए 


" ठीक है दादा जी " गुड़िया ने कहा ।

ठीक है मेरे बच्चो में चलता हूं 

और फिर दादा जी अदृश्य(गायब) हो गए 


तभी आगे से एक नई उम्र का व्यक्ति आया जिसकी लंबी लंबी मूछे थी ताकतवर मालूम होता था बॉडी शोड़ी बनाई हुई थी 

बनियान पहने हुए था अपनी ही मस्ती में चौड़ा जाकर चले आ रहा था । चलते चलते उसने एक राहगीर को थप्पड़ मारा और वह घूमता घूमता गिरा । 

बड़े मजे से दादागिरी झाड़ता हुआ चले आ रहा था उसने आकर अलबेला में टक्कर दी और फिर आगे जाने लगा......….



आज के लिए इतना ही शुक्रिया ✍️ 

लेखक : गुड्डू मुनीरी सिकंदराबादी 

  

क्या होगा जादूई कंचे की शक्तियों के आने के बाद ,

क्या गुड्डू उस तब्दीली कंचे को हुकाला से छुड़ा पाएगा 

क्या गुड्डू सभी कंचो की शक्तियों के इस्तेमाल से सुपर हीरो बन जायेगा सस्पेंस को जानने के लिए 

आने वाला पार्ट (10) जरूर पढ़े ।

 गुड्डू : द सुपर हीरो " रहस्य जादूई कंचे का" 












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3 Comments

Mohammed urooj khan

08-Feb-2024 11:35 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Shnaya

07-Feb-2024 07:35 PM

Nice

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Gunjan Kamal

07-Feb-2024 06:38 PM

👏👌

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